राष्ट्रीय एकता दिवस


भारत में राष्ट्रीय एकता दिवस की शुरुआत साल 2014 में सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती से हुई है। स्वतंत्र भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री एवं पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने देश को एकता के सूत्र में बांधे रखने के लिए अथक प्रयास किए थे

सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर, 1875 को करमसंद, गुजरात में हुआ था। सरदार वल्लभभाई ने वकालत छोड़कर महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ गए थे। इसके अलावा उन्होंने गुजरात के बारदोली एवं खेड़ा में हुए किसान आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। बारदोली सत्याग्रह के दौरान उन्हें सरदार की उपाधि प्रदान मिली थी। 1947-49 के दौरान भारत के 500 से अधिक रियासतों के एकीकरण में उनकी खास भूमिका थी।

इस दिन सरकारी कार्यालयों में यह शपथ पढ़ी जाती है

मैं पूरी तरह से प्रतिज्ञा करता हूं कि मैं राष्ट्र की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए खुद को समर्पित करता हूं और अपने साथी देशवासियों के बीच इस संदेश को फैलाने के लिए कड़ी मेहनत करता हूं। मैं इस प्रतिज्ञा को अपने देश की एकता की भावना से लेता हूं, जो सरदार वल्लभभाई पटेल की दृष्टि और कार्यों से संभव हुआ। मैं भी अपने देश की आंतरिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए अपना योगदान देने का दृढ़ संकल्प करता हूं।