अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2021


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प्रेरणादायक गीत Inspirational song

  • योग क्या है?
  • योग संस्कृत भाषा के ‘युज धातु’ से निकला है जिसका अर्थ होता है आत्मा का परमात्मा से मिलन अर्थात योग में इतनी शक्ति होती है, कि यह आपको अमरत्व की प्राप्ति करा सकता है। कुछ लोग योग को भृमवश साधारण आसान समझ लेते हैं किन्तु यह उनसे कहीं बढ़कर है। योग (Yoga in Hindi) मुख्य रूप से एक आध्यात्मिक अनुशासन है, जिसमे जीवन शैली का पूर्णसार आत्मसात किया गया है।

योग एक ऐसी पद्धति है जिसके द्वारा हम हमारे शरीर, मन और आत्मा तीनों पर एक साथ काम कर सकते हैं. योग करने से अगर आप शारीरिक रूप से स्वस्थ रह सकते हैं तो इसके लाभ मानसिक रूप से स्वस्थ रहने में भी कम नहीं हैं. मन मष्तिष्क पर योग का बहुत ही अच्छा प्रभाव होता है, जिससे मन हमेशा प्रसन्न रहने लगता हैं.

योग करने के नियम और महत्व 

1) प्रात:काल जल्दी जाग कर दो-तीन गिलास पानी पीना चाहिए। मल मूत्र का विसर्जन कर, दाँत और मुँह साफ कर, ठंडे जल से स्नान कर योगासन करना चाहिए। स्वास्थ्य ठीक न रहे, जाड़ा ज्यादा हो तो कुनकुने जल से स्नान कर सकते हैं। सबेरे अगर मौका न मिले तो दुपहर या शाम को योगासन कर सकते हैं।

2) स्नान के बिना भी योगासन कर सकते हैं। पर आसनों के बाद थोड़ी देर रुक कर स्नान करना चाहिए।

3) खाली पेट सबेरे आसन करना चाहिए। यदि आहार लें तो 4.30 घंटे के बाद आसन करना चाहिए | अगर हलका जलपान करें तो 2.30 घंटे रुक कर उसके बाद आसन करें |

4) खुली हवा में समतल एवं प्रकाशवान जगह पर आसन करना चाहिए। तेज हवा के झोंकों के बीच आसन न करें |

5) कपडे कम और ढीले पहनना चाहिए। स्त्रियों को विशेष कर कुर्ता एवं पाजामा पहनना अच्छा होगा |

6) आसन करते समय बोलना नहीं चाहिए। नाक से सांस लेनी और छोडनी चाहिए। मुँह बंद रहना चाहिए।

7) खाली भूमि पर आसन नहीं करना चाहिए। कालीन, दुपट्टा, स्वच्छ कपड़ा या कंबल बिछा कर उस पर आसन करें |

8) योगासन करते समय जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। जरूरी है शरीर के अवयवों पर ज्यादा दबाव न पड़े, उन्हें श्रम न हो |

9) योगासन करने के पूर्व और बाद दोनों हथेलियों को मुंह और शरीर पर फेरना चाहिए। अन्य आसन करने के बाद शवासन या शांत्यासन कर थोड़ी देर आराम करना चाहिए |

10) हर दिन नियम बद्धता से आसन करते रहना चाहिए। बीच में छोड़ना नहीं चाहिए।

11) आसन करते समय मन को उसी पर केन्द्रित करें | मस्तिष्क को नियंत्रण में रखना चाहिए।

12) प्रशांत मन से आसन करना चाहिए| निराशा, कमजोरी, डर, दुःख तथा वेदना से भरे हृदय से आसन नहीं करना चाहिए | उस समय शवासन या शांत्यासन कर आराम लें ।

13) आरंभ में हर आसन कुछ क्षण ही करना चाहिए। अभ्यास करते-करते समय में वृद्धि करनी चाहिए।

14) आसन करने के बाद आराम ले कर भोजन कर सकते हैं।

15) स्कूलों के बच्चों पर दबाव डाल कर या उनके स्कूल पहुँचते ही आसन नहीं कराना चाहिए। भोजन कर वे स्कूल आते हैं। इसलिए स्कूलों के खुलने के 2 घंटे बाद बच्चों से आसन करा सकते हैं|

16) 60 या 70 वर्ष की अवस्था के वृद्धों को हलके आसन करना चाहिए।

17) टहलने के बाद आराम लेना चाहिए। इसके बाद आसन करें। आसन करने के बाद शवासन के द्वारा आराम लेकर टहल सकते हैं|

18) पहले सूक्ष्म योग तथा सूर्य नमस्कार संबंधी आसन करना चाहिए| इसके बाद थोड़ी देर आराम कर योगासन करें |

19) आसन करते समय सांस फूले या दिल की धडकन अधिक हो तो आसन स्थगित कर शवासन कर आराम लेना चाहिए।

20) योगासन और प्राणायाम करने के बाद शवासन अवश्य करना चाहिए।

योग का महत्व 

  • आपके लचीलेपन में सुधार करता है
  • मांसपेशियों की ताकत बढ़ाता है
  • आपके पोस्चर्स को परिपूर्ण करता है
  • उपास्थि और जोड़ों को टूटने से बचाता है
  • आपकी रीढ़ की हड्डी की सुरक्षा करता है
  • आपके हड्डियों के स्वास्थ्य को मजबूत करता है
  • आपके रक्त प्रवाह को बढ़ाता है
  • आपकी प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाता है
  • ह्रदय गति को नियमित रखता है
  • आपके ब्लड प्रेशर को कम करता है
  • आपके अधिवृक्क ग्रंथियों को नियंत्रित करता है
  • आपको खुश करता है
  • एक स्वस्थ जीवन शैली प्रदान करता है
  • ब्लड शुगर कम करता है
  • आपको ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है
  • आपके सिस्टम को आराम देता है
  • आपके संतुलन को बेहतर बनाता है
  • आपके तंत्रिका तंत्र को बनाए रखता है
  • आपके अंगों में तनाव को दूर करता है
  • आपको गहरी नींद देने में मदद करता है
  • IBS और अन्य पाचन समस्याओं को रोकता है
  • आपको मन की शांति देता है
  • आपके आत्म-सम्मान को बढ़ाता है
  • आपका दर्द मिटाता है
  • आपको आंतरिक शक्ति देता है

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